पंजाब के हर खेतों में कटाई के सीजन में जो दुआ होता है, पंजाब के किसान प्राली को आग लगाते हैं, परली जलते हैं। वह पंजाब का वतारवान नहीं पूरे इंडिया का वातावरण को प्रदूषित करके रख देते हैं। यह माहौल बहुत ज्यादा खराब हो जाता है। गंभीर बीमारियां लगती है। इस बार कानून ने इन पर शिकंजा कस दिया है। अब राज्य प्रशासन ने पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्ती बढ़ा दी है: जुर्माने, एफआईआर और जमीन के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री जैसी कार्रवाइयाँ हो रही हैं।

कैसे होगा केस दर्ज कितना लगेगा जुर्माना

अब किसान पर पूरी तरह से निगरानी रखी जाएगी। अगर वह खेतों में प्राली को आग लगाकर वातावरण प्रदूषित करते हैं। तो 23 लाख का जुर्माना हो सकता है।अभी तक किस पर रखी निगरानी के तहत ₹1200 से ऊपर किस के ऊपर केस दर्ज हो गया है – 330 किसान टोटल इसके विरुद्ध में है और जिन पर फिर मौके पर ही दर्ज की गई है

जमीन की फ़रद पर रेड एंट्री कैसे लगेगी और क्या नुकसान है

रेवेन्यू रिकॉर्ड पर ‘रेड एंट्री’ — यह एक गंभीर कदम है: जमीन के रिकॉर्ड में नोट कर दिया जाता है कि उस पर नियमों का उल्लंघन हुआ है। इसका असर यह होता है कि संबंधित किसान उस जमीन को बेचने, गिरवी रखने या बैंक लोन लेने में बाधित हो सकता है।

अगर आप कानून को बार-बार तोड़ते हैं तो किसान पर उनकी फ़रद पर रेड एंट्री लग जाएगी। आगे चलकर आप जमीन को बीच या खरीद नहीं पाओगे। किसी दूसरे के नाम भी नहीं कर पाओगे और आपको जमीन की फ़रद पर कोई सुविधा नहीं मिलेगी। ना कोई लोन मिलेगा ना कोई सरब सिटी मिलेगी जो गवर्नमेंट की तरफ से मिलती है।आसमानी आफत से अगर आपकी खेतों में कोई नुकसान होता है तो उसकी भरपाई भी नहीं की जाएगी। इसलिए कानून के साथ मिल कर रहे हैं। अपना सहयोग दे और अपना पूरा ख्याल रखें।

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