भ्रष्टाचार पर विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई: पटवारी 25,000 की दूसरी किस्त लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। विजिलेंस टीम ने तरन तारन में तैनात पटवारी सरबजीत सिंह को 25,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ काबू किया। यह रकम कथित तौर पर रिश्वत की दूसरी किस्त थी, जिसे पटवारी एक इंतकाल (जमीन की एंट्री/म्यूटेशन) को सही कर देने के नाम पर मांग रहा था। यह केस न केवल सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार को उजागर करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि आम लोगों के हक की फाइलों को आगे बढ़ाने के लिए कैसे सरकारी दफ्तरों में पैसे की मांग की जाती है।

कैसे पकड़ा गया पटवारी

सूत्रों के मुताबिक, शिकायतकर्ता अपनी जमीन का इंतकाल करवाने के लिए कई दिनों से दफ्तर के चक्कर लगा रहा था। आरोप है कि पटवारी ने फाइल को आगे बढ़ाने के बदले उसे रिश्वत देने के लिए मजबूर किया। शिकायत मिलने पर विजिलेंस ब्यूरो ने जांच की और पहले ही जाल बिछा दिया। तयशुदा योजना के तहत शिकायतकर्ता पटवारी को 25,000 रुपये की दूसरी किस्त देने गया और जैसे ही पैसे हाथ में लिए गए, विजिलेंस टीम ने मौके पर दबिश देकर पटवारी को गिरफ्तार कर लिया।

क्या है इंतकाल और क्यों मांगी जाती है रिश्वत

इन सभी कामों में आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार सरकारी दफ्तरों में जानबूझकर फाइल को होल्ड कर दिया जाता है ताकि लोगों को परेशान किया जाए और उनसे पैसे ऐंठे जा सकें।

जैसे के इंतकाल फ़र्ड निकलना हो, नक्शा निकलना हो यार रजिस्ट्रेशन करवाना हो। ऐसे काम से लोगों से जानबूझकर फाइल लेट करके पैसे मांगे जाते थे।अब कोई भी सरकारी कर्मचारी यह मानकर न बैठे कि रिश्वत मांगकर आसानी से बच जाएगा। अगर कोई अधिकारी रिश्वत लेते पकड़ा जाता है तो कड़ी सजा नौकरी जाएगी और जेल हो सकती है।

गिरफ्तारी के बाद आगे क्या

विजिलेंस ब्यूरो ने पटवारी सरबजीत सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पूछताछ में यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या वह पहले भी इस तरह के मामलों में शामिल रहा है या उसके नेटवर्क में कोई और कर्मचारी भी सक्रिय है। साथ ही, विजिलेंस टीम उसके बैंक खाते, प्रॉपर्टी और पिछले कुछ महीनों के लेन-देन की भी जांच करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं यह भ्रष्टाचार का बड़ा रैकेट तो नहीं। इस तरह की कार्रवाइयों से लोगों में उम्मीद जगती है कि आने वाले समय में सरकारी दफ्तरों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।

अगर आपके साथ भी ऐसा होता है या आपके काम पर कोई भी अधिकारी सरकारी अफसर रिश्तेदार मांगता है तो डरे नहीं सबूत जुटाना चाहिए। वीडियो बनानी चाहिए या गवाह तैयार करने चाहिए। उसके खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो पर फिर खिलाफ आपको कंप्लेंट दर्ज करनी चाहिए या कंप्लेंट नंबर पर फोन करना चाहिए।

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